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गरीबों को मुफ्त में अस्पताल ले जाने के लिए शिक्षक ने अपनी पहली कार को बना दिया एंबुलेंस

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द फॉलोअप टीम, रांचीः

कोरोना की दूसरी लहर में बड़ी संख्या मौत हुई। इस दौरान एंबुलेंस की किल्लत देखी गई। एंबुलेंस की कमी की वजह से निजी एंबुलेंस संचालकों ने मरीजों के परिजनों से मनमानी रकम वसूली। 10 किमी की दूरी तय करने में भी 2 से 3 हजार रुपये मांगे गये। ऐसे में कई लोग समाज सेवा के इरादे से सामने आये। अपनी ऑटो या कार को ही एंबुलेंस बना दिया। 

दर्जनों लोगों की जिंदगी बचाई
कोरोना काल में लोगों की सेवा करने में रांची के हरमू में रहने वाले शिक्षक अमरदीप सिन्हा का नाम भी उल्लेखनीय है। अमरदीप ने अपनी कार को ही एंबुलेंस बना दिया। दिलचस्प बात ये भी है कि उन्होंने अपनी नई और पहली कार को एंबुलेंस में तब्दील कर दिया। अमरदीप के इस कदम से दर्जनों लोगों की जिंदगियां वक्त रहते बचाई जा सकी। 

पहली कार को बनाया एंबुलेंस 
लाचार और गरीब लोगों की पीड़ा देख हरमू के रहने वाले शिक्षक अमरदीप सिन्हा ने अपनी कार को ही एंबुलेंस बना दिया। ये उनकी पहली कार थी। उन्होंने कार का स्ट्रक्चर बदलवाया। उसमें आक्सीजन की व्यवस्था की। सभी आवश्यक सामान के साथ एंबुलेंस बनवाया। इसके बाद जरूरतमंद और गरीबों की सेवा में जुट गए। अमरदीप अब तक 50 से अधिक मरीजों को अस्पताल पहुंचा चुके हैं। ये एंबुलेंस सेवा अभी भी लगातार जारी है। गरीबों के एक फोन पर सिन्हा अपने खर्च पर एंबुलेंस उपलब्ध करवा रहे हैं।